मनाली में घुमने के पर्यटन स्थल | Tourist Places To Visit In Manali

गर्मी के मौसम में हम सभी को हरी भरी और ठंडी-ठंडी वादियाँ पसंद होती है, इससे दिल और दिमाग दोनों तरोताजा हो जाते हैं। जैसे ही गर्मी का मौसम शुरू होते हैं लोग हिल स्टेशनों पर घुमने जाने के लिए प्लान बनाने सुरु कर देते हैं। अगर आप भी गर्मियों के मौसम में घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं, तो ​चलिए हम आपको एक ऐसा हिल स्टेशन के बारे में बताते है, जहां पर आप जाकर ​जीवन की कुछ यादों को कैमरे में संयोग सकते हैं। तो चलिए आज हम आपको हरी भरी और ठंडी-ठंडी वादियाँ “मनाली हिल स्टेशन” की यात्रा पर लेकर चलते हैं।

मनाली की हरी भरी और ठंडी-ठंडी वादियाँ आपके मन को भाये…

मनाली भारत का एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है। मनाली के जंगल के मैदानों और सेब के बगीचों से बहने वाली सुगंधित हवाओं ने दिल को ताजगी से भर देता है। मनाली कुल्लू से केवल 40 किमी दूर लेह की ओर राष्ट्रीय राजमार्ग पर घाटी की नोक के पास स्थित है।

हम आपको बता दें अगर बात हिल स्टेशनों की होती है, तो सबसे पहला प्लान अधिकांशतः लोग कुल्लू मनाली  जाने का होता है। क्योंकि कुल्लू और मनाली की हरी भरी और ठंडी-ठंडी वादियाँ कुछ ऐसी है, की यहाँ पर लोगों को जाने के बाद उन्हें वापसी आने का मन ही नहीं करता रहता है। आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले का एक हिस्सा है जो हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से 250 किमी दूरी पर स्थित है। मनाली व्यास नदी के तट पर स्थित है। जो समुद्र तल से 2050 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मनाली का तापमान गर्मी के मौसम में 10 डिग्री सेल्सियस से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है। ये जगह हनीमून डेस्टिनेशन (Honeymoon) के रूप में प्रसिद्ध है। यह एक ऐसा हिल स्टेशन है जहाँ पर्यटक सबसे अधिक आते हैं। ये स्थान पर्यटकों की पहली पसंद है। सर्दियों में मनाली का तापमान से नीचे पहुँच जाता है। मनाली में आप लंबी पैदल यात्रा, राफ्टिंग, ट्रेकिंग, पैराग्लाइडिंग, कयाकिंग आदि के अलावा बहुत अच्छे – अच्छे सुंदर दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। 

मनाली में घुमने के पर्यटन स्थल-Tourist Places in Manali in hindi

1. रोहतांग दर्रा (Rohtang Pass)

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भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में हिमालय की पीर पंजाल श्रेणी के पूर्वी भाग में मनाली से 51 किमी दूर है। यह कुल्लू घाटी और लाहौल और स्पीति घाटियों के बीच 3,980 मीटर (13,058 फुट) की ऊँचाई पर स्थित एक हिमालय का दर्रा है। यहाँ हर साल लाखों पर्यटक इस पहाड़ पर घूमने आते हैं, क्योंकि रोहतांग दर्रा दुनियाँ की सबसे ऊँची सड़क है। समुद्र तल से 4111 मीटर की ऊँचाई पर रोहतांग दर्रा स्थित है। यहाँ इस दर्रा से मनाली का शानदार दृश्य दिखाई देता है। यहाँ से, पहाड़ियों, सुंदर दृश्यों की भूमि और ग्लेशियर का शानदार दृश्य दिखाई देता है। इन सभी पर्यटक आकर्षणों के अलावा, पर्यटक ट्रेकिंग, माउंटेन बाइकिंग, पैराग्लाइडिंग, और स्कीइंग भी कर सकते हैं।
2. मनु मंदिर (Manu Temple)

 

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मनु मंदिर (rishi manu temple) मनाली क्षेत्र (manali) के व्यास नदी के किनारे तट पर स्थित है। मनु मंदिर में ऋषि मनु की एक पाषाण मूर्ति है। कहा जाता है की मनु हिंदू धर्म के अनुसार दुनिया का पहला आदमी था। पहले मनु का नाम स्वाभुव मनु था, जिनके साथ पहली महिला शतरूपा थीं (जिसका अर्थ है) ब्रह्म ’)यह ब्रह्म  से स्वयं के रूप में प्रकट होता है। दुनिया के सभी लोग पहली महिला के पहले पुरुष और महिला से पैदा हुए थे। और शायद इसीलिए मनु के पुत्र होने के कारण, उन्हें मानव भी कहा जाता है। मुख्य बाजार की दूरी इस मंदिर से तक़रीबन 3 किमी है। कहा जाता है कि मनु ने अपने जीवन के 7 चक्र इस क्षेत्र में, 7 जन्म और 7 मृत्यु इस क्षेत्र में बिताए थे।
3. सोलांग घाटी (Solang Valley)
यहाँ भी एक मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह शिव मंदिर पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, जिसमें हजारों पर्यटक साल भर आते हैं। सोलंग घाटी मनाली का एक प्रसिद्ध और खानाबदोश पर्यटन स्थल है। smartknowledgesk.comभारत में हिमाचल प्रदेश की मनाली घाटी में स्थित, सोलांग घाटी एक ऐसी जगह है जो पर्यटकों को रोमांच, रोमांच के शौकीन, रोमांचक खेल प्रेमी और फिल्मी हस्तियों को बार-बार आने का न्यौता देती है। इस घाटी को स्नो पॉइंट (Snow Point) के नाम से भी जाना जाता है। सोलंग घाटी 300 मीटर की ऊँचाई पर व्यास कुंड और सोलांग घाटी के बीच में स्थित है। सर्दियों के दौरान, पर्यटक यहां आयोजित स्कीइंग प्रतियोगिता में भाग लेते हैं। यह प्रतियोगिता सर्दियों के दौरान शीतकालीन स्कीइंग महोत्सव के नाम से आयोजित की जाती है। पर्यटक यहां पैराग्लाइडिंग, भ्रमण, जारिंग और घुड़सवारी का आनंद भी लेते हैं।
4. नग्गर कैसल (Naggar Castel)

 

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नग्गर कैसल पर्यटकों के बीच यह जगह मनाली से केवल 21 किमी की दूरी पर स्थित है। नग्गर कैसल वास्तव में यह महल लकड़ी और पत्थर की मध्ययुगीन हवेली है, जिसको अब एक हेरिटेज होटल में परिवर्तित कर दिया गया है। कुछ लोग इसे किला भी कहते हैं, जो लगभग 500 साल पुराना है। यह यूरोपीय और हिमालयी वास्तुकला का एक संयोजन है।  इस मध्यकालीन किले का निर्माण कुल्लू के राजा सिद्ध सिंह ने कहा जाता है की 1460 ई. के आसपास करवाया था। यह किला भी व्यास नदी के तट पर स्थित है। इस किले के परिसर में अन्य आकर्षण और दर्शनीय स्थल हैं जैसे कि मंदिर, आर्ट गैलरी आदि।
5. हिडिम्बा देवी मंदिर (Hadimba Devi Temple)
हिडिम्बा देवी मंदिर मनाली में सबसे प्रसिद्ध स्थान है। मनाली घूमने वाले हिडिम्बा देवी के मंदिर जरूर जाते हैं। मुख्य आकर्षणों में से एक मनाली के हिडिम्बा देवी मंदिर, प्राचीन मंदिर है। हिडिम्बा देवी मंदिर का निर्माण 1533 ई० में  कराया गया था। इस मंदिर को ढुंगरी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। जो यहां की स्थानीय देवी हिडिम्बा को समर्पित है। हडिम्बा, ह्वाम ईश्वर की बहन थी। पैगोडा शैली में निर्मित, यह लकड़ी का मंदिर महाराज बहादुर सिंह द्वारा बनवाया गया था, जिसका नाम मंदिर के प्रवेश द्वार पर भी है।

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हम आपको बता दें की मनाली का ढूंगरी मेला स्थानीय लोगों में बहुत प्रसिद्ध है। ये मेला हिडिम्बा देवी के जन्मदिन के मौके पर लगता है। इस मंदिर में पहले कभी जानवरों की बलि दी जाती थी, लेकिन अब इसे बंद कर दिया गया है। लेकिन आज भी मंदिर की दीवारों पर सैकड़ों जानवरों के सींग लटके हुए हैं।

हिडिम्बा देवी कौन है ?

“हिडिम्बा देवी” महाभारत काल में पांचों पांडवों में सबसे बलशाली “भीम” की पत्नी हैं।
हिडिम्बा ने प्रण लिया था कि जो उसके भाई हिडिम्ब को युद्ध में मात देगा। उसी से वो शादी करेगी। हिडिम्बा ने महाभारत काल में पांचों पांडवों में सबसे बलशाली भीम से शादी की थी। कहा जाता है की, हिडिम्बा एक राक्षसी थी, हिडिम्बा के भाई हिडम्ब का राज मनाली के आसपास के पूरे इलाके में था। अज्ञातवास के दौरान पांडव मनाली के जंगलों में भी आए थे। यहां राक्षस हिडिम्ब से भीम का युद्ध हुआ था। भीम ने हिडिम्ब को युद्ध में हराकर उसकी हत्या कर दी थी। इसके बाद हिडिम्बा ने भीम से शादी कर ली थी। महाभारत के युद्ध में घटोत्कच का नाम आता है। लोककथाओं के मुताबिक, वो हिडिम्बा और भीम का ही बेटा था। मां के आदेश पर घटोत्कच ने युद्ध में अपनी जान देकर कर्ण के बाण से अर्जुन की जान बचाई थी। हिडिम्बा राक्षसी की तब से ही लोग पूजा करने लगे थे।
6. ऋषि भृगु झील (Sage Bhrigu Lake)
ऋषि भृगु झील का हिंदू धर्म में धार्मिक महत्व है। यह झील हिमालय नदी के किनारे स्थित है, जिसे भृगु झील के नाम से जाना जाता है। ऋषि भृगु हिंदू धर्म में माने जाने वाले सात ऋषियों में से एक हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, ऋषि भृगु ने इस झील के किनारे ध्यान लगाया था। इस जगह के बारे में यह भी कहा जाता है कि इस स्थान पर ऋषि भृगु ने भृगु संहिता लिखी थी, इस समति से भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है या यह भी कहा जा सकता है कि इस छाप को लगाया जा सकता है। उसी के पास नेहरू कुंड भी स्थित है जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यह कुंड एक प्राकृतिक झरना है जिसकी पूजा ऋषि भृगु ने की थी।

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वेद पुराणादि के प्रमाणिक पात्र महर्षि भृगु का जन्म 38 लाख ईसा पूर्व (ब्रह्मलोक-सुषा नगर) में हुआ था। ये आज सनातनी धर्मग्रंथों में वर्णित ब्रम्हा के पुत्र थे। ये सहोदर दो भाई थे। आपके बड़े भाई का नाम अंगिरा ऋषि था। जिनके पुत्र बृहस्पतिजी हुए जो देवगणों के पुरोहित-देवगुरू के रूप में जाने जाते हैं। महर्षि भृगु द्वारा रचित ज्योतिष ग्रंथ ‘भृगु संहिता’  के लोकार्पण एवं गंगा सरयू नदियों के संगम के अवसर पर जीवनदायिनी गंगा नदी के संरक्षण और याज्ञिक परम्परा से महर्षि भृगु ने अपने शिष्य दर्दर के सम्मान में  ददरी मेला प्रारम्भ किया।
महर्षि भृगु की दो पत्नियों का उल्लेख आर्ष ग्रन्थों में मिलता है। आपकी पहली पत्नी दैत्यों के अधिपति हिरण्यकश्यप की पुत्री दिव्या थी। जिनसे आपके दो पुत्रों जो क्रमशः काव्य-शुक्र और त्वष्टा-विश्वकर्मा का जन्म हुआ।
महर्षि भृगु की दूसरी पत्नी दानवों के अधिपति पुलोम ऋषि की पुत्री पौलमी थी। इनसे भी दो पुत्रों जो क्रमशः च्यवन और ऋचीक पैदा हुए।

मनाली कैसे पहुँचे (How to Reach Manali)

वैसे तो लोग अपना निजी वहां से भी मनाली टूर के लिए जाते हैं। ये आपके ऊपर आश्रित होता है की आप कैसे मनाली शेयर करना चाहते हैं। चाहे तो बस या टैक्सी सेवा भी ले सकते हैं। यदि हम वायुमार्ग (Airway) से मनाली जाने की बात करें तो मनाली से 50 किलोमीटर की दूरी पर भुंतर में एक नजदीकी हवाई अड्डा है। और वहीँ रेलमार्ग (Railway) की बात करें तो जोगिंदर नगर नैरो गेज रेलवे स्टेशन मनाली का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन है, जो मनाली से तक़रीबन 135 किलोमीटर दूर है।

सड़कमार्ग (Roadway) : मनाली हिमाचल और आसपास के शहरों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। राज्य परिवहन निगम की बसें कई शहरों से चलाई जाती हैं। लोग राज्य परिवहन से भी मनाली के लिए यात्रा करते हैं।

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