सामान्य ज्ञान प्रश्न उत्तर

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कैंब्रिज डिक्शनरी के अनुसार, सामान्य ज्ञान (जीके) में कई अलग-अलग विषयों की जानकारी होती है, जो व्यक्ति ने औपचारिक रूप से अध्ययन किए गए विषयों पर विस्तृत जानकारी के बजाय पढ़ने, टेलीविजन, समाचार पत्रों आदि से धीरे-धीरे एकत्र की है। दोस्तों आज हम कुछ महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान के प्रश्नों के जिक्र एवं उनके उत्तर संक्षिप्त में कुछ शब्दों में जानेंगे। जैसे,

1. प्रश्न : कौन से कवि गांधीवाद के समर्थक थे ?

उत्तर : मैथिलि शरण गुप्त

कवि मैथिलीशरण गुप्त जी का जन्म 3 अगस्त 1886 चिरगाँव, झाँसी, उत्तर प्रदेश में हुआ था। संभ्रांत वैश्य परिवार में जन्मे मैथिलीशरण गुप्त के पिता का नाम ‘सेठ रामचरण’ और माता का नाम ‘श्रीमती काशीबाई’ था। इनके पिता रामचरण धार्मिक इंसान थे। वे एक निष्ठावान् प्रसिद्ध राम भक्त थे। इनके पिता ‘कनकलता’ उप नाम से कविता किया करते थे और राम के विष्णुत्व में अटल आस्था रखते थे। गुप्त जी को कवित्व प्रतिभा और राम भक्ति पैतृक देन में मिली थी। वे बाल्यकाल में ही काव्य रचना करने लगे थे। ऐसा कहा जाता है की पिता ने इनके एक छंद को पढ़कर आशीर्वाद दिया कि “तू आगे चलकर हमसे बहुत अच्छी कविता करेगा” और यह आशीर्वाद अक्षरशः सत्य हुआ। मुंशी अजमेरी के साहचर्य ने उनके काव्य-संस्कारों को विकसित किया। उनके व्यक्तित्व में प्राचीन संस्कारों तथा आधुनिक विचारधारा दोनों का समन्वय था। मैथिलीशरण गुप्त जी को साहित्य जगत् में ‘दद्दा’ नाम से सम्बोधित किया जाता था।

2. प्रश्न : महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ

उत्तर : महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ वाराणसी में स्थित एक विश्वविद्यालय है। वाराणसी भारत के उत्तर प्रदेश (U.P.) राज्य में स्थित है। पहले इसे केवल काशी विद्यापीठ के नाम से ही जाना जाता था किन्तु बाद में इसे भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को पुनः समर्पित किया गया और उनका नाम इसके साथ जोड़ दिया गया (११ जुलाई १९९५)। इस विश्वविद्यालय में स्नातक, परास्नातक एवं अनुसंधान स्तर की शिक्षा उपलब्ध है। विश्वविद्यालय ने देश के प्रतिष्ठित पत्रिका इंडिया टुडे के सर्वे में देश भर में 13वां स्थान अर्जित किया है।

3. प्रश्न : कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय

भारत : केन्द्र सरकार ने सर्वशिक्षा अभियान‎ को बढ़ावा देने के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना के निर्देशन में देशभर में ७५० आवासीय स्कूल खोलने का प्रावधान किया है। इस योजना का शुभारम्भ 2006-07 में किया गया। इन विद्यालयों में कम से कम ७५% सीटें अनुसूचित जाति व जनजाति, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्गों की बालिकाओं के लिए आरक्षित होगीं बाकि २५% गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की बालिकाओं के लिए होंगी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को सार्थक बनाने के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में अब 12 वीं तक की पढ़ाई होगी। अभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय कक्षा 6 से 8 तक ही संचालित हैं।

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के मुख्य उद्देश्य :

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का मुख्य उद्देश्य विषम परिस्थितियों में जीवन-यापन करने वाली अभिवंचित वर्ग की बालिकाओं के लिए आवासीय विद्यालय के माध्यम से गुणवत्तायुक्त प्रारंभिक शिक्षा उपलब्ध कराना है। माता-पिता/अभिभावकों को उत्प्रेरित करना जिससे बालिकाओं को कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में भेजा जा सके। मुख्य रूप से ऐसी बालिकाओं पर ध्यान देना जो विद्यालय से बाहर (अनामांकित/ छीजनग्रस्त) हैं तथा जिनकी उम्र 10 वर्ष से ऊपर है। विशेषकर एक स्थान से दूसरे स्थान घूमनेवाली जाति या समुदायों की बालिकाओं पर विशेष ध्यान केन्द्रित करना। 75 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति/अत्यन्त पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक समुदाय की बालिकाओं तथा २५ प्रतिशत गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवार की बच्चियों को कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में प्राथमिकता के आधार पर नामांकन कराना।

4. प्रश्न : नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा ग्रिड आधारित सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने संबंधी योजना का नाम है ?

उत्तर : जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन योजना

जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन योजना की शुरुआत 11 जनवरी, 2010 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा की गई थी। इस मिशन के तहत वर्ष 2022 तक 20,000 मेगावाट ग्रिड से जुड़ी सौर ऊर्जा के उत्पादन का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया था।

जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन योजना का उद्देश्य :

जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन योजना का मुख्य उद्देश्य भारत में सौर क्षेत्र में विनिर्माण को बढ़ावा देना तथा सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक वैश्विक नेता के रूप में भारत को स्थापित करना है।

5. प्रश्न : गांधी जी के द्वारा बनाए गए कपड़े का प्रकार

महात्मा गांधी ने कहा कि चरखा भारत की स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक था। उन्होंने भारतीयों का आह्वान किया कि वे अपने विदेशी निर्मित कपड़ों को जलाएं और खादी, सूती, रेशम या ऊन से बनी खादी पहनें।

महात्मा गांधी जी चाहते थे कि हमारे भारतीय लोग खादी का उपयोग करें क्योंकि यह हमारे देश की उपज है भारत की उपज है। साथ ही खादी के प्रयोग से विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का भारतीय जनता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। विचार अपने स्वयं के उत्पादों के साथ खुद को बनाए रखने में सक्षम होना है, न कि अपने अस्तित्व के लिए किसी विदेशी वस्तु या सामान पर निर्भर रहना।

ऐसा कहा जाता है देखा गया था की जब मोहन दास करम चंद गांधी जी बिहार के चंपारण जिला पहुंचे थे तब वो कठियावाड़ी पोशाक पहने हुए थे। इसमें ऊपर एक शर्ट, नीचे एक धोती, एक घड़ी, एक सफेद गमछा, चमड़े का जूता और एक टोपी थी। ये सब कपड़े या तो भारतीय मीलों में बने हुई थी या फिर हाथ से बने हुए थे।

6. प्रश्न : कबीर ने गुरु और गोविंद में क्या संबंध बताया है ?

कबीर ने गुरु और गोविंद में संबंध रखते हुए गुरु और गोविंद में से गुरु को श्रेष्ठ माना है क्योंकि उनका कहना है की गुरु ही गोविंद के पास जाने का रास्ता बताता है। अर्थात गुरु शिष्य और गोविंद को मिलाने में मदद करता है।

एक प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा कि गुरू को भगवान से बड़ा क्यों माना गया है उसका कारण है कि गुरू गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पांए, बलिहारी गुरू आपने गोविंद दियो दिखाए। अपनी इस कबीर वाणी से स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि अगर जीवन में गुरू आपको अच्छा मिल जाए तो आपका जीवन पार है। जब गुरु ही नहीं मिलेगा तो भगवान कैसे मिलेंगे।

कबीर का कहना है की गुरु शिक्षक नहीं है। गुरु ज्ञान नहीं देता परंतु तुम्हारा अज्ञान गिराता है। वह तुम्हें शास्त्रों का जानकार नहीं बनाता परंतु स्वयं को जानने के ढंग उजागर करता है। गुरु का कार्य है शिष्य के अज्ञान व अहंकार का नाश करना। अच्छे राह दिखाना।

7. प्रश्न : वृद्धी वाटिका वटी ये किस रोग की आयुर्वेदिक दवा हैं?

वृद्धी वाटिका या वृद्धिवाधिका वटी अन्डकोशों (Testicles) के विकार सम्बन्धी विभिन्न रोगों के उपचार के लिए काम आती है। हर्निया आदि के उपचार के लिए यह पतंजली द्वारा दी जाने वाली यह एक प्रमुख औषधि है।

वृद्धी वाटिका या वृद्धिवाधिका वटी अन्डकोशों में नये और पुराने सभी प्रकार की वृद्धि सम्बन्धी रोगों को नष्ट करती है। इस वटी के सेवन से हर्निया (आंत्रवृद्धि) रोग में लाभ मिलता है। जैसे, अण्डकोश में वायु भर जाना, दर्द होना और नये दूषित रस का उतरना, रक्त व जल भरना आदि रोगों में वृद्धिवाधिका वटी लाभकारी होती है।

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