कोरोना वायरस (कोविद-19) रिमूव रस।
विश्वभर में हर पांच घंटे से भी कम समय में 10 हजार केस सामने आ रहे हैं।एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने कोरोनावायरस के मामलों में चीन को भी पीछे छोड़ दिया है और अब सबसे ज्यादा मरीज अमेरिका में हो गए हैं।
डॉ. कफील , सुझाया तीसरे चरण से निपटने का रोडमैप
भारत की स्वास्थ्य सेवाएं वैसी नहीं हैं कि अगर वह कोरोना संकट के तीसरे चरण में पहुंचता है तो वह दक्षिण कोरिया के समान बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं एवं योजनाबद्ध तरीके से इस संकट से बचनिकले, ऐसे में डॉ. कफील ने प्रधानमंत्री को चेताने का प्रयास किया है कि, ऐसे हमें जो कुछ भी करना है, वह इसी समय किया जाना चाहिए। अन्यथा हालात बेकाबू होने में देर नहीं लगेगी।
दुनिया में ऐसे हालात को देखते हुए हमें खुद को भी स्ट्रांग रहना काफी जरुरी है। एक कहावत है इंग्लिश में की हेल्थ इज वेल्थ स्वास्थ्य ही जीवन का सबसे बरा धन है।
ऐसे अनेकों कई प्रकार के जानलेवा वायरससेलड़नेकेलिए शरीर का इम्यून सिस्टम यानि शरीर का रोध – प्रतिरोध छमता सही रहना अति आवश्यक हैं।
तो आइये जानते हैं कैसे अपने शरीर का रोध-प्रतिरोध छमता एक रस के द्वारा बढ़ाया जा सकता है।
कोरोना वायरस (कोविद-19) रिमूव रस।
इस वायरस से लड़ने के लिए आप अपने घर के रसोई में ही यह रस को तैयार कर सकते हैं।
इसे बनाने के लिए कुछ इस प्रकार की सामग्री की आवश्यकता होगी। जैसे की अगर हम एक आदमी के लिए यह रस बना रहे हैं तो ,
एक ग्लास पानी (250 ग्राम )
श्यामा तुलसी या तुलसी के पत्ते (8 -10)
काली मिर्च साबुत (6-8)
दाल चीनी आधा इंच टुकड़ा
अदरक आधा इंच टुकड़ा
लौंग (6-8)
अजवाइन आधा टी चमच
इन सबको पानी में मिलाकर गैस या किसी भी चूल्हे पर खूब उबाले , तब तक उबाले जब तक की पानी आधा उबलने के बाद जलकर बच जाये। अब आपको लगे की 250 ग्राम पानी उबल कर 125 ग्राम बच के रह गया है, तो अब उसे चूल्हे पर से उतार लें और थोड़ा ठंडा होने दें। अब आप कप में छान लें और रात को सोने से पहले इसे चाय की तरह सिप सिप के पियें । ऐसा आप सप्ताह में दो से तीन दिन सकते हैं।
अगर आप इसे बच्चे को पिलाते हैं तो थोड़ा शहद मिला के पिलायें ताकि बच्चा आसानी से इसे पी सके क्यूँकि ये रस पीने में कर्वी होता है।
बहुत ज्यादा छोटे बचे को नहीं पिलाये ये रस, दस साल से कम उम्र के बच्चे को यह रस या काढ़ा नहीं पिलायें।
अगर किसी को दस्त या बार – बार ज्यादा शौच आ रहा हो तो यह रस या काढ़ा नहीं पियें।