India’s First Lady Doctor “Biography” Doctor Anandi Gopal Joshi – भारत की पहली महिला डॉक्टर “डॉक्टर आनंदी गोपाल जोशी” जीवनी हिंदी में पढ़ें

डॉक्टर आनंदी (Dr. Anandi) : पूरा नाम डॉक्टर आनंदी गोपाल जोशी या डॉक्टर आनंदीबाई गोपालराव जोशी (Doctor Anandi Gopal Joshi / Doctor Anandibai Gopalrao Joshi)
उनके बचपन का नाम यमुना, देश की पहली महिला डॉक्टर (First Lady Doctor of Country) थी।
जिन्हे  गूगल ने अपने सर्च इंजिन पेज पर भारत की पहली महिला डॉक्टर आनंदी गोपाल जोशी की 153वीं जयंती को शनिवार (31 मार्च 2018) को डूडल बनाकर सेलिब्रेट किया।
डॉक्टर आनंदी गोपाल जोशी का जन्म 31 मार्च 1865 में महाराष्ट्र (Maharashtra) में हुआ था। 

डॉक्टर आनंदी (Dr. Anandi) ऐसी पहली महिला डॉक्टर थीं जिन्होंने 19 साल की उम्र में 1886 में डॉक्टर की डिग्री लेकर भारत लौटीं,  और ब्रिटिश (British) भारत (India) में प्रैक्टिस की थी।  वह अमेरिका (America) से पढ़ाई करने वाली पहली महिला चिकित्सक भी थी।
ऐसा कहा जाता है की भारत से अमेरिका जाने वाली प्रथम भारतीय महिला सायद डॉक्टर आनंदी गोपाल जोशी ही है।

जोशी का जीवन हौसले और कुछ करने की जिद की कहानी है।

डॉक्टर आनंदी या डॉक्टर जोशी इन्हे दोनों नाम से जाना जाता है। यमुना बचपन का नाम इनकी सादी सिर्फ 9 साल की छोटी उम्र में एक विधुर (जिसकी पत्नी मर गई हो) गोपालराव जोशी से कर दी गई, जो कि उस वक्त यमुना से उम्र में करीब 20 साल बड़े थे। गोपालराव ने ही उनका नाम आनंदी रखा था। प्रगतिशील और तरक्की पसंद गोपालराव ने अपनी पत्नी को पढ़ाई के लिए खूब प्रोत्साहित किया। इतना ही नहीं उन्होंने पत्नी आनंदी को जिनकी उम्र उस वक्त 16 साल थी, पढ़ाई के लिए अमेरिका भेज दिया. आनंदी ने पेंसिलवानिया महिला मेडिकल कॉलेज (अब ड्रेक्सेल यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन) से डिग्री हासिल की और एक महिला मेडिकल कॉलेज खोलने के सपने के साथ भारत लौटीं। 14 साल की उम्र में डॉक्टर आनंदी जोशी ने एक लड़के को जन्म दिया, लेकिन उचित मेडिकल देखभाल नहीं मिलने की वजह से जल्दी ही उसकी मौत हो गई। कहा जाता है कि यही आनंदी के जीवन का टर्निंग प्वॉइंट साबित हुआ, जिसके बाद उनकी रुचि मेडिसिन में बढ़ी।
दुर्भाग्यवश, डॉक्टर जोशी के स्वास्थ्य ने उनका ज्यादा साथ नहीं दिया और टीबी (क्षय रोग) की वजह से 26 फरवरी, 1887 को सिर्फ 22 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। हालांकि जोशी अपने सपने को पूरा करने के लिए जीवित नहीं रहीं, लेकिन अपने जज्बे और हिम्मत से उन्होंने उस दौर में लड़कियों की पीढ़ी को अपने सपने को पूरा करने के लिए लड़ना सिखाया। शुक्र ग्रह के एक क्रेटर का नाम भी उनके नाम पर रखा गया है। इनकी संघर्समयी हौसले और कुछ करने की जुनुनमयी जीवनी पर कई भाषाओँ में चल चित्र मूवी (Movie/Film) भी बनी हैं।

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