WhatsApp ने 1.30 लाख अकाउंट्स डिलीट किए, ये है वजह
WhatsApp ने 1 लाख 30 हजार से ज्यादा अकाउंट्स ब्लॉक और डिलीट किए गए हैं। कंपनी ने हाल पिछले साल ही कहा था कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लेकर ऐसे अकाउंट्स छांटे जाते हैं। वॉट्सऐप ने ये अकाउंट्स AI टूल्स के जरिए ढूंढा और फिर इन्हें अवैध ऐक्टिविटी की वजह से डिलीट किया गया।
पिछले कुछ समय से लगातार रिपोर्ट्स आ रही हैं कि वॉट्सऐप पर भारत सहित कई देशों चाइल्ड पॉर्नोग्राफी के लिए ग्रुप्स बनाए जा रहे हैं। इन ग्रुप्स में घड़ल्ले से ऐसे कॉन्टेंट शेयर भी किए जा रहे हैं।
इन दिनों वॉट्सऐप अपने फीचर्स की वजह से नहीं, बल्कि चाइल्ड पॉर्नोग्राफी को लेकर सुर्खियों में है।
WhatsApp ने सिर्फ अकाउंट्स ही डिलीट नहीं किए हैं, बल्कि इन अकाउंट्स की जानकारी कंपनी ने अमेरिकी नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्स्प्लॉइटेड चिल्ड्रेन के साथ शेयर की हैं। मकसद ये है कि एजेंसियों को अगर चाइल्ड पॉर्नोग्राफी से जुड़ी जानकारी चाहिए तो मिल सके।
हाल के 10 दिनों में कंपनी ने इन अकाउंट्स को वॉट्सऐप से हटाना शुरू किया है। वॉट्सऐप के चैट्स एंड टू एंड एन्क्रिप्टेड होते हैं। इस सिक्योरिटी का मतलब ये है कि वॉट्सऐप पर भेजे गए मैसेज या कॉन्टेंट सिर्फ सेंडर और रिसीवर ही देख या पढ़ सकता है। इतना ही नहीं कंपनी भी इन्हें नहीं पढ़ सकती है। इसलिए ही वॉट्सऐप अवैध कॉन्टेंट के लिए AI का सहारा ले रही है। ये टूल वॉट्सऐप अकाउंट के अन-एनक्रिप्टेड जानकारियों की जांच करता है। इनमें प्रोफाइल फोटो, ग्रुप प्रोफाइल फोटोज और ग्रुप इनफॉर्मेशन शामिल हैं. जांज करके इन्हें हटाया जाता है।
अभी हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा गया था कि थर्ड पार्टी ऐप्स के जरिए वॉट्सऐप ग्रुप के नाम को सर्च किया जा रहा है। वॉट्सऐप ने इसके रिप्लाई में कहा है कि वॉट्सऐप ऐसा कोई फीचर नहीं देता है जिससे किसी थर्ड पार्टी ऐप से ग्रुप के बारे में सर्च किया जा सके। जिस तरह फेसबुक PhotoDNA नाम का टूल यूज करता है उसी तरह वॉट्सऐप भी PhotoDNA नाम का टूल यूज करता है। इसके तहत पॉर्न और अब्यूजिव इमेज की पहचान की जाती है और संभावित वॉट्सऐप ग्रुप या यूजर्स जो इसे शेयर कर सकते हैं उन्हें बैन किया जाता है।
WhatsApp के प्रवक्ता ने चाइल्ड पॉर्नोग्रफी की रिपोर्ट के बाद दिए एक बयान में कहा है, ‘WhatsApp चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूज को लेकर जीरो टॉलरेंस पॉलिसी रखता है. हमने अपनी सबसे एडवांस्ड टेक्नॉलजी को इससे निपटने के लिए लगाया है जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शामिल है. ये प्रोफाइल फोटोज को स्कैन करता है और संदेह होने पर अकाउंट्स बैन करता है. हमें भारत और दूसरे देशों की जांच एंजेसियों को भी जवाब दिया है. चूंकि ऐप स्टोर्स और कम्यूनिकेशन सर्विस को अब्यूजिव कॉन्टेंट फैलाने के लिए यूज किया जा रहा है, इसलिए इससे निपटने के लिए टेक कंपनियों को मिल कर काम करना होगा।
अगर आप ऐसे किसी अवैध WhatsApp के ग्रुप के साथ जुड़ते हैं तो वॉट्सऐप का टूल आपके अकाउंट को भी डिलीट कर सकता है। चूंकि अभी कोई भी बिना इजाजत आपको अपने ग्रुप में ऐड कर सकता है, इसलिए आप सावधान रहें और ऐसे अकाउंट्स या ग्रुप्स को रिपोर्ट करें जो चाइल्ड पॉर्नोग्राफी के कॉन्टेंट शेयर करते हैं।
धन्यवाद , कृपया ये जानकारी आगे भी शेयर करे।