पेन-कलम का आविष्कार किसने किया-Who is Pen Inventor in Hindi

पेन एक प्रकार का ऐसा उपकरण होता है जिसका उपयोग स्याही (Ink) को कागज पर उतारने के लिए किया जाता है। इसके मदद से हम कोई भी समान सतह जैसे की पेपर, कपड़े इत्यादि में लिख सकते हैं। पेन के आगे की तरफ एक नुकीली नौक होती है जिसमे एक काफी छोटा छेद होता हैं।  यह छेद पेन के अंदर भरी हुई श्याही को कागज पर उतारने में मदद करता हैं।

पेन हमारी ज़िंदगी मे हर जगह जरुरत होती है, चाहे स्कूल हो, कॉलेज हो, यूनिवर्सिटी हो, दुकान हो, कही भी जरुरत पर सकती है और जरूरत होती है। शायद कल्पना करना थोड़ा मुश्किल होगा, की क्या आपने कभी सोचा है कि बिना पेन के हमारी ज़िंदगी कैसी होती?

हम अपने दैनिक कार्यो में पेन का इतना उपयोग करते हैं कि यह हमारे लिए सामान्य है लेकिन आज से सालों पहले जब लिखने के लिए स्याही और मोर पंखों या फिर नुकीली चीजों का इस्तेमाल किया जाता था तब यह एक महत्वपूर्ण आविष्कार था।

जैसा की हम सभी जानते हैं कि बढ़ती हुई तकनीकी पुराने समय की महत्वपूर्ण चीजो को भी तेजी से आगे अपने साथ मिटाती जा रही हैं। जिस प्रकार से ईमेल ( इलेक्ट्रॉनिक मेल ) और सोशल मीडिया अनुप्रयोग के आने के बाद हमारे इस नई पीढ़ी में डाक सुविधाओं का महत्व कम हो गया है ठीक उसी प्रकार से शिक्षा व्यवस्था भी डिजिटल होती जा रही है, और कॉपी-पेन की जगह टेबलेट व कीबोर्ड आदि उपकरण का उपयोग किये जा रहे हैं, और पेन का महत्व कम होता जा रहा है।

आज के इस ज़माने में कुछ प्रगतिशील एवं विकसित देशों में महाविद्यालयो में लगभग स्मार्ट उपकरणों से ही पढ़ाई की जाती है लेकिन हमारा देश भारत मे अभी भी अधिकतर छात्र विद्यालय या महाविद्यालयों में कॉपी पैन आदि स्टेशनरी का ही उपयोग करते हैं। चाहे बात स्कूलों की हो, कॉलेज या फिर नौकरी की हो, पैन हमेशा हमारे साथ प्रयोग के लिए रखना अनिवार्य होता है।

शायद आपको पुराण पेन भी याद होगा जिसमें स्याही भरनी पड़ती थी। यह पेन थोड़ा लाइट चलता था और अक्सर इसमे स्याही फैल जाया करती थी। आज के समय मे केवल कुछ आधिकारिक कामों के लिए ही इन पेनों का इस्तेमाल किया जाता है। हम आपको बता दे की पहले यही पेन चाल चलन में थे। आज के समय में हम अधिकतर जेल पेन या फिर बॉल पेन का इस्तेमाल करते हैं।

सर्वप्रथम पेन का आविष्कार किसने किया ?

smartknowledgesk.com

क्या आप जानते हैं कि पेन का आविष्कार किसने किया? और पेन का आविष्कार कब हुआ? अगर नही, तो यह लेख पूरा पढ़िए. इस लेख में हम आपको पेन के आविष्कार से सम्बंधित सभी जानकारी विस्तार में देने वाले हैं।

अगर जेल पेन हो तो अंदर भरी श्याही को कागज में उतारने के बाद सूखने में थोड़ा समय लगता है और बॉल पेन हो तो श्याही तुरन्त सुख जाती हैं।  वही श्याही भरने वाला पेन (Fountain Pen) हो तो उसे कागज में उतारने के बाद सुखने में थोड़ा अधिक समय लगता हैं।

वर्तमान में हम बॉलपॉइंट पेन, रोलरबॉल पेन, फाउंटेन पेन, फेल्ट टिप पेन, जेल पेन और डिजिटल प्रोडक्ट्स जैसे कि टेबलेट, स्मार्टफोन्स और टच स्क्रीन लैपटॉप के लिए स्टाइलस का प्रयोग करते हैं. यह आज के समय मे उपयोग किये जाने वाले सामान्य पेन हैं लेकिन हम आपको बता दें की इनसे पहले लिखने के लिए डीप पेन, इंक ब्रश पेन, क्वील और रीढ़ पेन आदि का इस्तेमाल किया जाता था।

इस प्रकार के ऐतिहासिक पेनो को श्याही में डुबाकर कागज या फिर कपड़ो पर उतारा जाता हैं. कुछ संस्कृतियों में बड़े पत्तो जैसे कि गन्ने के पत्तो पर भी लिखने की प्रथा थी. क्विल एक प्रकार का पंखकोटा था जिसे श्याही में डुबाया जाता था और बाद में उस श्याही को कागज में उतारा जाता था।

वही रीड पेन रिड या फिर बम्बू आदि को काटकर बनाया जाने वाला एक शार्प पेन होता था। इंक बुश एक बड़ा पेन होता था जो पीछे से काफी मोटा और खोखला होता थ। इस मोटे और खोखले हिस्से में श्याही भरी जाती थ। यह एक ट्रेडिशनल पेन भी था जो आज भी कई जगहों पर मिल जाता हैं।  इसके बाद डीप पेन की शुरुआत हुई जिसमें श्याही भरी जाती थी और बाद में उस श्याही को कागज पर उतारा जाता था।

पेन का आविष्कार किसने किया ?

किसी भी अन्य महान आविष्कार की तरह पेन के आविष्कार का श्रेय भी किसी एक व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता। आधुनिक पेन की शुरुआत फाउंटेन पेन का आविष्कार से हुई थी जिसका श्रेय फ्रेंच इन्वेंटर Petrache Poenaru (पेट्राचे पोएनरु) को जाता हैं .लेकिन क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण बॉल पॉइंट पेन का आविष्कार को माना जाता है. बॉल पॉइंट पेन आविष्कार का श्रेय 2 व्यक्तियों को दिया जाता हैं जिनमे से पहला नाम John J. Loud (जॉन जैकब लाउड) था और दूसरा नाम László Bíró हैं। लेकिन बॉलपॉइंट पेन (बॉल पेन) के आविष्कार का श्रेय मुख्य रूप से जॉन जैकब लाउड को दिया जाता है।

smartknowledgesk.com

पैन जो है, एक कलम का अंग्रेजी शब्द है। बॉल पेन या कलम बनाने का विचार जॉन जैकब लाउड को तब आया जब वह लेदर की वस्तुओं पर काम कर रहे थे। जिस तरह से एक लकड़ी कारपेंटर को लकड़ी को काट कर एक आकार में बदलने के लिए बार-बार निशान लगाना पड़ता है उसी तरह से लेदर को काटने के लिए जॉन जैकब लाउड को उस पर बार-बार निशान लगाना पड़ता था लेकिन उस समय मौजूद फाउंटेन पेन और पेंसिल से यह थोड़ा मुश्किल था। यहीं से जॉन जैकब लाउड को इन कठिनाइयों को देखते हुए उनके मन में एक ऐसा पेन बनाने का विचार आया जो इस काम में उनकी सहायता कर सकें। और वह इस काम को करने में सफल हुए। इस विचार के बाद उन्होंने एक ऐसा पेन बनाया जिसकी नॉक धातु की एक छोटी बोल के आकार की थी. कुछ बोल को स्थान पर बनाए रखने के लिए सॉकेट का इस्तेमाल भी किया गया।

पेन / कलम का आविष्कार कब हुआ ?

अगर इस सवाल का कोई सटीक उत्तर मांगा जाए तो जवाब देना थोड़ा कठिन होगा क्योंकि आधुनिक पेन यानी कि फाउंटेन पेन और बॉल पॉइंट पेन का आविष्कार से पहले भी लोग लेखन कार्य किया करते थे।

अगर हम आधुनिक पेन का आविष्कार की बात करें तो जॉन जैकब लाउड ने 1988 में बॉल पॉइंट पेन का आविष्कार किया. फाउंटेन पेन का आविष्कार के लिए फ्रेंच इन्वेंटर Petrache Poenaru को पेटेंट प्राप्त हैं. उन्होंने 25 मई 1857 को फाउंटेन पेन का आविष्कार किया था. आज हमारे पास जो आधुनिक पेन है वो इन आविष्कारों की वजह से ही सम्भव हो पाए हैं।

कलम / पेन के आविष्कार का इतिहास

आज हमारे पास जो आधुनिक बॉलपोइंट पेन हैं उसका आविष्कार ज्यादा पहले नही हुआ. लेकिन इस पेन के आविष्कार से पहले ही पेंसिल और फाउंटेन पेन का अविष्कार किया जा चुका हैं. अगर पेन के इतिहास पर नजर डाली जाए तो श्याही को पीछे नही छोड़ा जा सकता हैं.

पैन-कलम में प्रयोग होने वाला स्याही का अविष्कार किसने किया था ?

जानकारी के लिए हम आपको बता दें की श्याही का इस्तेमाल सालों पहले से किया जा रहा हैं। मौजूद जानकारी के अनुसार पहली लेखन स्याही का आविष्कार मिस्र और चीनियों द्वारा किया गया था। एक मान्यता के अनुसार इस स्याही का आविष्कार गम के साथ कार्बन को मिलाने से हुआ था। उपयोग करने से पहले इस स्याही को पानी मे डुबोया जाता था और बाद में इसे किसी भी नुकीली चीज से कागज, कपड़े या जानवरो की खाल पर उतारा जाता था।

इसका मतलब हम कह सकते हैं की प्राचीन काल से ही लोगो के पास श्याही और इसे इस्तेमाल करने का तरीका मौजूद था. धीरे धीरे लेखन कार्य बढ़ता गया और इस क्षेत्र में विकास होता गया. लोगो ने श्याही को सटीक रूप से कागज या कपड़े पर उतारने के लिए पंख (Quill) का इस्तेमाल करना शुरू किया और उसके बाद बम्बू से बनने वाला रीड पेन आया।

इसके बाद जैसे – जैसे तकनीकी थोड़ी आगे बढ़ी और इंक बुश पेन का इस्तेमाल किया जाने लगा जिसमें पीछे स्याही लगी आती थी और इसके आगे नौक लगी होती थ। इसके बाद डीप पेन का आविष्कार हुआ जो और भी बेहतर और सटीक था। इसी के बाद से आधुनिक पेन जैसे कि फाउंटेन पेन, जेल पेन और बॉलपोइंट पेन के आविष्कार हुए और हम अभी प्रयोग कर रहे हैं।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *